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बटुक भैरव जयंती

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कब है बटुक भैरव जयंती

इस बार बटुक भैरव जयंती 5 जून 2025 को दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में बटुक भैरव जयंती एक महत्वपूर्ण त्यौहार है  जो भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान भैरव के बाल स्वरूप बटुक भैरव के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। बटुक भैरव को काशी के कोतवाल के रूप में पूजा जाता है। इस दिन बटुक भैरव का पूजन करने से समस्त रोग शत्रु और तांत्रिक पीड़ाओं से मुक्ति मिलती है।

बटुक भैरव कौन है

भगवान भैरव को शिव का एक उग्र रूप माना जाता है जबकि बटुक भैरव उनके बाल स्वरूप है। इस रूप में वे बालक जैसे सरल चंचल लेकिन अत्यंत शक्तिशाली होते हैं।  इन्हें तंत्र मंत्र भूत – प्रेत बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाशक के रूप में पूजा जाता है।

बटुक भैरव जयंती पूजा

  • भगवान बटुक भैरव का आशीर्वाद पाने के लिए भगवान शिव के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है।
  • भगवान को सफेद फूल, मीठी खीर ,लड्डू आदि का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे बटुक भैरव प्रसन्न होते है।
  • अशोक ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं ।इस उपाय से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
  • शनि दोष की समस्या से बचने के लिए इस दिन किसी जरूरतमंद को पकोड़े और पूए बनाकर खिलाए।
  • बटुक भैरव जयंती पर रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाने से दुर्भाग्य दूर होता है।

बटुक भैरव पूजा मंत्र

ॐ बटुक भैरवाय नमः मंत्र का जाप करें ।इससे दर्भाग्य दूर होता है।

 

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(कुल अवलोकन 12 , 1 आज के अवलोकन)
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