सरस्वती माता ज्ञान, शिक्षा, विद्या, बुद्धि की देवी है। इस दिन माँ सरस्वती जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन पूजा अर्चना के पश्चात माँ सरस्वती जी की श्रद्धा पूर्वक आरती करने से माँ प्रसन्न होकर शरणागत की सारी मनोकामनाएं पूरी कर देती है। बसंत पंचमी के दिन ही भगवान शिव और पार्वती जी की सगाई हुई थी।
माँ सरस्वती की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ।।जय.।।
चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।
सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय.।।
बायें कर में वीणा, दूजे कर माला।
शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला ।।जय.।।
देव शरण में आये, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।।जय.।।
वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो।।
मोहज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो।।जय.।।
धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो।
ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो।।जय.।।
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे।।जय.।।