You are currently viewing शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर (Shiv Stuti: Ashutosh Shashank Shekhar)

शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर (Shiv Stuti: Ashutosh Shashank Shekhar)

कृपया शेयर करें -

प्रत्येक सोमवार और श्रावण मास (सावन) के सोमवार को इसका पाठ अत्यंत फलदायी होता है। सुबह 4 से 6 बजे के बीच का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह समय वातावरण और मन दोनों की शुद्धता के कारण आध्यात्मिक कार्यों के लिए शुभ होता है। महाशिवरात्रि के दिन रात के चारों प्रहरों में से किसी भी प्रहर में इस स्तुति का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर

आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥

निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा ॥

निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वर जय,
जटाधार अभयंकरा ॥

शूल पानी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा ॥

नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदा शिव शिव संकरा ॥

जगत पति अनुरकती भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब,
जय जयति जगदीश्वरा ॥

जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥

आशुतोष शशाँक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ॥
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..
कोटि नमन दिगम्बरा..

अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो कृपया शेयर या कॉमेंट जरूर करें।
(कुल अवलोकन 74 , 1 आज के अवलोकन)
कृपया शेयर करें -