गंगा दशहरा (Ganga Dussehra)
भागीरथ ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन ही गंगा को धरती पर लाए थे। जिसे हम गंगा दशहरा के नाम से मनाते हैं। इस बार गंगा दशहरा 16 जून दिन रविवार को है। इस बार गंगा दशहरा पर 10 योग में से सात योग बन रहे हैं। गंगा दशहरा पर गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान दान पुण्य का विशेष महत्व है। मां गंगा मोक्षदायिनी और समस्त पापों का नाश करने वाली और अक्षय पुण्य फल प्रदान करने वाली हैं।
किसी भी शुभ कार्य या शुद्धि के लिए हिंदू संस्कृति में गंगा जल प्रयोग में लाते हैं। अगर गंगा में स्नान न कर सकें तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और गंगा जी का पूजन करेंं। इस दिन 10 अंक का विशेष महत्व है। पूजा करते समय सभी सामग्री को 10 की मात्रा में चढ़ाएं। जैसे -10 फूल, 10 दीपक, 10 फल आदि इस दिन दान का भी महत्व है। ऐसा करने वाला महापातकों के बराबर के दस पापों से छूट जाता है।
इस दिन तरबूज, खरबूज, आम, पंखा, शर्बत, मटका आदि के दान का खास महत्व है। इस दिन जगह-जगह लोगों को शर्बत बांटा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गर्मी में प्यासे को पानी या शर्बत पिलाने से बहुत अधिक पुण्य मिलता है।
जानिए शुभ मुहूर्त :
ज्योतिष पंचांग के अनुसार इस बार गंगा दशहरा रविवार 16 जून को मनाया जाएगा।
- दान- पुण्य का समय : मां गंगा ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में ही पृथ्वी पर उतरी थीं। इसलिए पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य पूर्णत: हस्त नक्षत्र में सफल माने जाते हैं।इसलिए हस्त नक्षत्र में ही दान-पुण्य किया जाना चाहिए।
गंगा दशहरा पूजन विधि
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों को करके गंगा स्नान कर लें।
- अगर आप गंगा नदी में स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- इसके साथ ही गंगा मां को फूल, सिंदूर आदि अर्पित करने के साथ दीपदान करें।
- अंत में गंगा जी के मंत्रों का जाप कर लें।
- मां गंगा का पवित्र पावन मंत्र :
- ओम नमो भगवती हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा।
- ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः