मौनी अमावस्या – इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और पूर्वज प्रसन्न होते हैं। माघ अमावस्या के दिन पितृ दोष को समाप्त करने के लिए माघ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करें। इसके बाद विशेष चीजों का भोग लगाएं। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है। मौनी अमावस्या के दिन देवी-देवता और पितृ गंगा में स्नान करने आते हैं।
वैदिक काल में ऋषि-मुनि मौन को तपस्या का एक अनिवार्य अंग मानते थे। उनका विश्वास था कि मौन रहने से मन स्थिर होता है और विचारों की उथल-पुथल शांत हो जाती है। मौन के माध्यम से आत्मा और ब्रह्मांड के बीच सीधा संवाद स्थापित होता है। इसके अलावा मौन वाणी से होने वाले पापों, झूठ और विवादों से बचने का मार्ग भी है। वेदों और उपनिषदों में मौन को ब्रह्मचर्य, सत्य और संयम के साथ जोड़कर देखा गया है।
मौनी अमावस्या 2025 तिथि
हिंदू वैदिक कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 28 जनवरी 2025 को शाम 7:35 बजे से शुरू होगी। इसका समापन 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को मनाई जाएगी। ऐसे में गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान और दान करने वाले श्रद्धालुओं को 29 जनवरी को शाम होने से पहले पूजा-पाठ कर लेना चाहिए। तभी उन्हें पुण्य का लाभ मिलेगा।
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के 3 मुहूर्त
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त प्रात: काल 5 बजकर 25 मिनट से सुबह 6 बजकर 18 तक है। ब्रह्म मुहूर्त में अमृत स्नान का विशेष महत्व है।
लाभ काल – सुबह 7.11 से सुबह 8.32
अमृत काल – सुबह8.32 – सुबह 9.53
मौनी अमावस्या पर स्नान और दान के शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से शुरू होकर 6:19 बजे तक रहेगा। इस दौरान स्नान और दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। अगर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान या दान संभव न हो, तो सूर्योदय से सूर्यास्त तक भी यह किया जा सकता है।
मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक जलाने का महत्व
मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए दीपक जलाने का महत्व
इन चीजों का करें दान
- मौनी अमावस्या के दिन चावल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
- इस दिन सफेद तिल का दान करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है।
- इस दिन आंवला का दान करने से घर की आर्थिक तंगी दूर होती है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तेल को दान में दे सकते हैं।
- किसी जरूरतमंद और गरीब व्यक्ति को धन भी दान में दे सकते हैं, ध्यान रहे जरूरतमंद को ही दान दें।