भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक
रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त
सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 08 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी।
सावन पूर्णिमा 08 अगस्त को शुरू होगी। इस दिन पूर्णिमा शुरू होने के साथ भद्रा का योग है, जो देर रात 01 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगा। इसके लिए 08 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया जाएगा। वहीं, 09 अगस्त को भद्रा का साया नहीं पड़ने वाला है। इसके लिए 09 अगस्त को रक्षा बंधन होगा।
सावन पूर्णिमा यानी 09 अगस्त को राखी बांधने का सही समय सुबह 05 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक है। पूर्णिमा तिथि 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है।
भद्रा योग
रक्षा बंधन के दिन भद्रा का साया नहीं पड़ने वाला है। 08 अगस्त को भद्रा का साया है। 08 अगस्त को भद्रा दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 09 अगस्त को देर रात 01 बजकर 52 मिनट तक है। वहीं, 09 अगस्त को दिन में भद्रा का साया नहीं है। 09 अगस्त को भद्रा देर रात (10 अगस्त) 02 बजकर 11 मिनट से सुबह 05 बजकर 20 मिनट तक है। इसके लिए 09 अगस्त को भद्रा का साया नहीं है।