शनि की महा दशा के उपाय – शनि की महादशा साढ़ेसाती, ढैया आदि होती हैं। हर व्यक्ति के जीवन में शनि की महादशा का प्रभाव कभी न कभी आता है। कुछ का प्रभाव लाभ दायक तो कुछ का कष्ट दायक होता है।आइये हम जानते है कि शनि की महादशा में कौन से उपाय करने चाहिए।
- शनिवार के दिन बांसुरी में शक़्कर भरकर एकांत में रखें, माथे पर दूध, दही का तिलक करें और बन्दरों को गुड़ चना डालें।
- चांदी का चौकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखें।
- शनिवार को रोटी पर सरसों का तेल लगा कर कुत्ते व गाय को दें।अगर कुत्ता व गाय काले रंग का हो तो ज्यादा अच्छा है।
- शनि मंदिर में चार अखरोट चढ़ाए उसमें से दो वापस लाकर सफेद कपड़े में बाँध कर घर पर रखें।
- काले घोड़े की नाल का छल्ला बांये हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें।
- हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें। शनिवार को हनुमान मंदिर में तेल का दिया जलाएं।
- काले तिल को दूध में डालकर शनिवार को पीपल पर चढ़ाए।
- काले रंग से शनि देव को बहुत प्रेम है, इसलिए शनिवार को काले रंग के पशु पक्षियों को भोजन करवाएं। काले वस्त्र जैसे कंबल, काले उड़द की दाल, काले तिल और लोहे की वस्तु का शनिवार को दान करें।
- घर में शमी का वृक्ष लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें इससे आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा तथा शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी।
- शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती आप पर चल रही है तो शमी के पेड़ की जड़ काले कपड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांधे तथा‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:’ मंत्र का तीन माला जप करें।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे काली बत्ती बनाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। काली चीटियों को गुड़ दें।
- निम्न मंत्र शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए प्रभावी है।
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।
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