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हरियाली तीज 2025 | Hariyali Teej 2025

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हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। ये तिथि सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होती है वहीं कुंवारी कन्याएं भी योग्य वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत करती हैं। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। मान्यता है कि ये उपवास वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए किया जाता है। ऐसे में पूजा पाठ और व्रत रखने से सौभाग्यवती भव: का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हरियाली तीज पर महादेव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन शिव-पार्वती की जोड़ी की पूजा की जाति है। जिससे जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।

कब है हरियाली तीज 2025 :      
हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई 2025 को रखा जा रहा है। इस तिथि की शुरुआत 26 जुलाई 2025 रात्रि 10 बजकर 44 मिनट पर हो रही है। इसका समापन 27 जुलाई 2025 को रात 10 बजकर 44 मिनट पर होगा।

हरियाली तीज पूजन सामग्री
पहली बार हरियाली तीज व्रत की पूजा के लिए कुछ खास सामग्रियों को शामिल करें। इनमें शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही और मिश्री को शामिल करें। इसके बाद पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शहद और पंचामृत को भी रखें। इस दौरान सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, महावर, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को भी रखते है।

हरियाली तीज की पूजा विधि
तीज के दिन व्रती, सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करने के उपरांत स्नान कर लें। फिर साफ वस्त्रों को धारण करें। फिर पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें। चौकी पर पीले या लाल या हरे रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद मिट्टी (चिकनी मिट्टी) की शिव पार्वती जी की मूर्ती बना लें या फिर बाजार से लाई हुई मूर्ति (कच्ची मिट्टी की) भी स्थापित कर सकते हैं। बनाई हुई मूर्तियाँ जब सूख जाएँ तब उन्हें चौकी पर स्थापित कर दें। इसके बाद भगवान को नए वस्त्र पहनाएं। और माँ पार्वती जी का श्रृंगार करें। फिर उसी सामान से अपना श्रृंगार करें और नवीन वस्त्र धारण करें। इस दिन श्रृंगार में हरे रंग की चीजों जैसे चूड़ी, बिंदी, वस्त्र आदि का विशेष महत्व है व पक्का खाना बनता है जैसे खीर, पूड़ी, पुए आदि। इसके बाद पूजा और भोग की थाली तैयार करें। यथा स्थान पूजा के लिए आसन पर बैठें और सबसे पहले दीप प्रज्वलित करें। धीरे-धीरे पूजा की सभी सामग्रियों को भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करते रहें। तीज व्रत की कथा सुनें और आरती करें। आरती के बाद खुशहाल जीवन की कामना करते हुए भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें।  पूजा संपन्न करने के बाद गाय को खीर पूड़ी खिलाएं व श्रृंगार का सामान और भोजन की थाली अपनी सास या ननद या फिर किसी सुहागन स्त्री को दें।

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(कुल अवलोकन 38 , 1 आज के अवलोकन)
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