नरक चतुर्दशी की तारीख व मुहूर्त-
चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर 2025 रात 9:45 बजे से प्रारम्भ होगी और 20 अक्टूबर 2025 रात 11:05 बजे समाप्त होगी। नरक चतुर्दशी के दिन रूप निखारा जाता है, जिसके लिए प्रात: काल स्नान की परंपरा है। इसलिए उदया तिथि को देखते हुए नरक चतुर्दशी 20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार को मनाई जाएगी ।
स्नान का समय –
नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय के पूर्व शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने की प्रक्रिया को अभ्यंग स्नान कहा जाता है। इस बार अभ्यंग स्नान का समय 20 अक्टूबर 2025 प्रातः 5:30 से 6:30 बजे तक है।
दीपदान का शुभ मुहूर्त – 20 अक्टूबर 2025 शाम 6:00 से रात 8:00 तक
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि व नरकचतुर्थी पर दीपदान : नरक चतुर्दशी को सांयकाल दीपदान करना चाहिए। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार प्रदोष काल में ब्रम्हा, भगवान विष्णु और शिव जी के मंदिर में, मठों, अस्त्रागारों, नदियों, भवनों, उद्यानों, कूपों, चामुण्डा, भैरव के मंदिरो में, घुड़शाल, गजशाल आदि सभी जगह दीपदान करना चाहिए। दीपदान के समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए :
दत्तो दीपश्चतुर्दश्यां नरकप्रीतये मया।
चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये।।
दीपदान के लिए दीपक चार बत्तियों वाला होना चाहिए। व्रतराज के अनुसार इस दिन सायंकाल को घर की दक्षिण दिशा में दीपदान करने से व्यक्ति के लिए यम का मार्ग अंधकार से मुक्त हो जाता है। संत कुमार संहिता के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को सांयकाल को घर की दक्षिण दिशा में दीपदान करने से नरक में पड़े पितरों को भी स्वर्ग का मार्ग दिखता है और उनकी नरक से मुक्ति हो जाती है। भगवान विष्णु ने राजा बलि से कहा था कि नरकचतुर्दशी को सूर्यास्त के बाद घर एवं व्यावसायिक स्थल पर दीपमाला का प्रज्वलन करना चाहिए। दीपमाला में तेल के दीपकों को प्रयोग में लाना चाहिए। ऐसा करने से उस स्थान पर लक्ष्मी जी का स्थायी निवास होता है।